हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "आलामुद्दीन फी सिफाते मोमिनीन" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی اللہ علیه وآله
إِنَّ فِي الْجَنَّةِ بَابًا يُقَالُ لَهُ: الرَّيَّانُ، يَدْخُلُ مِنْهُ الصَّائِمُونَ يَوْمَ الْقِيَامَةِ، لا يَدْخُلُ مِنْهُ أَحَدٌ غَيْرُهُمْ، يُقَالُ: أَيْنَ الصَّائِمُونَ؟ فَيَقُومُونَ لا يَدْخُلُ مِنْهُ أَحَدٌ غَيْرُهُمْ، فَإِذَا دَخَلُوا أُغْلِقَ فَلَمْ يَدْخُلْ مِنْهُ أَحَدٌ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
जन्नत में एक दरवाज़ा है जिसे रियान कहते हैं कयामत के दिन सिर्फ रोज़ेदार उस दरवाज़े से जन्नत में दाखिल होंगे और उनके अलावा कोई दूसरा उस दरवाज़े से जन्नत में दाखिल नहीं होगा, कयामत के दिन आवाज़ आएगी की रोज़ेदार कहां है बस वह उठाएंगे और उनके सिवा कोई दूसरा जन्नत में दाखिल नहीं होगा और जब वह दाखिल हो जाएंगे तो दरवाजा बंद हो जाएगा और कोई दूसरा उस में दाखिल नहीं होगा,
आलामुद्दीन फी सिफाते मोमिनीन,भाग 1,पेंज 278